Home डेयरी Nagpuri Buffalo: यहां पढ़ें, नागपुरी नस्ल की भैंस डेयरी कारोबार के लिए बेहतर है या नहीं, ये है इसकी खासियत
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Nagpuri Buffalo: यहां पढ़ें, नागपुरी नस्ल की भैंस डेयरी कारोबार के लिए बेहतर है या नहीं, ये है इसकी खासियत

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली. पशुपालन एक बेहतरीन व्यवसाय है. भारत की जीडीपी में पशुपालन का रोल 28 से 30 परसेंट है. ज्यादातर पशुपालक पशुपालन करके दूध का कारोबार करते हैं और मोटी कमाई करते हैं. वहीं सरकार भी चाहती है कि किसानों की आय को दोगुना कर दे, इसके लिए किसानों को पशुपालन करने के प्रति जागरुक कर रही है. वहीं पशुपालन के प्रति किसानों का रुझान भी बढ़ रहा है. अगर आप भी किसान हैं और पशुपालन करना चाहते हें तो आपके लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि किस नस्ल की भैंस या फिर गाय को पालें कि ज्याद से ज्यादा उत्पादन मिले.

हम यहां बात कर रहें हैं नागपुरी नस्ल की भैंस की जो एक ब्यात में एक हजार लीटर से ज्यादा दूध देने की क्षमता रखती है. ऐसे में आपके मन में हो सकता है कि ये सवाल उठ रहा हो कि नागपुरी नस्ल की भैंस को अगर पालते हैं तो क्या इससे डेयरी कारोबार में फायदा होगा. इस आर्टिकल में नागपुरी नस्ल की खूबी और पहचान के बारे में बता रहे हैं, जिससे पढ़कर आप खुद ही अंदाजा लका सकते हैं कि इस नस्ल को पालना बेहतर हैया नहीं.

सूखे इलाकों के लिए है बेहतर
एक्सपर्ट के मुताबिक यह एक दुकाजी नस्ल है. इसका उत्पत्ति स्थल महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र है. यह आमतौर पर नागपुर तथा वर्धा जिलों में पायी जाती है. इसकी चार उप-प्रजाति क्रमशः पुर्नाथादी (अकोला), एल्लिच्पुरी (अमरावती), गौलानी (वर्धा) तथा नागपुरी (नागपुर) जिलों में पायी जाती हैं. यह सभी उप प्रजातियां नागपुरी या बरारी भैंस नाम से जानी जाती हैं. यह भैंस भारी सूखे के प्रति सहनशील होती है. विदर्भ के किसानों में बहुत प्रसिद्ध है. क्योंकि यह कम लागत में अच्छा दूध उत्पादन तथा यहां के वातावरण के लिए अनुकूल नस्ल है.

यहां जानें तिना देती है दूध
इस नस्ल के पशु काले रंग के होते हैं इनके मुंह पैर व पूंछ पर सफ़ेद पैबंद होते हैं. पुरंथादी उप प्रजाति हल्का भूरा सा रंग लिए हुए माथे पर सफेद पैबंद होता है. सींग 50-65 सेमी. चपटे घुमाव लिए हुए पीछे की और गर्दन से कंधो तक होते हैं. सींग नरों में मादाओं से भारी होते हैं. मुंह लंबे, पतले तथा शंकु आकार के होते हैं. कान मध्यम व सिरे पर नुकीले होते हैं. पूंछ छोटी व सिरे पर सफ़ेद बालों का गुछा होता है. इनके नर का वजन लगभग 520 किग्रा व मादा का 400 किग्रा. होता है. औसतन प्रथम ब्यात उम्र 1,672 दिन होती है. दूध उत्पादन 780-1,520 किग्रा होता है. दूध स्रवण काल 286 दिन है. शुष्ककाल 129.1 दिन, वसा 7.0-8.5 प्रतिशत होता है.

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