नई दिल्ली. लगातार अधिक दिनों तक भीषण गर्मी, गर्म हवा की मार, उमस और 48 डिग्री तक पहुंचे तापमान ने इंसानों के ही नहीं बल्कि जानवरों के दिमागी भी फ्यूज उड़ा दिए हैं. ‘बायोपोलर मेनिया’ के साथ दिमाग के ‘न्यूरो ट्रांसमीटर’ का संतुलन बिगड़ गया है. इससे मतिभ्रम, भूलना, चिढ़चिढ़ापन सवार हो गया है. जबकि कुत्तों, बंदर, बिल्ली, गाय और सांड़ भी आक्रामक हो चले हैं. यह अब इंसानों पर हमला कर रहे हैं। अस्पतालों में इनके शिकारों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. अधिक समय तक रहने वाली ज्यादा गर्मी वाले दिनों में बायोपोलर मेनिया सबसे ज्यादा होता है. इसमें नींद न आना (अनिद्रा), उत्तेजना, लड़ाई-झगड़ा, उन्माद, चिढ़चिढ़ापन जैसे लक्षण सामने आते हैं. कुछ मामलों में चीजें रखकर भूल जाना भी होता हैं लेकिन, यह थोड़े समय के लिए ही होता है.
उत्तर प्रदेश में आगरा के सराजनी नायडू मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉक्टर विशाल सिन्हा ने एक मीडिया हाउस का बताया कि इन दिनों इसी तरह के मरीज आ रहे हैं. गर्मी में ऐसे मरीजों की तादाद बढ़ जाती है. एक और कारण डे-आवर (बड़े दिन) का भी है. इन दिनों शाम 7:30 बजे के आसपास हो रही है. जबकि सुबह पांच बजे हो रही है. ऐसे में नींद के घंटे घट गए हैं. इस कारण भी दिमाग की बत्ती गुल है और मसल्स क्रैंप (मांसपेशियों में दर्द) के मामले भी बढ़ गए हैं. यह दिक्कतें सामान्य लोगों में हैं।. अगर यह दिक्कतें स्थायी हो जाती हैं तो इलाज की जरूरत पड़ती है. अन्यथा की स्थिति में कुछ दवाओं और काउंसलिंग के बाद राहत मिल जाती है.
हमलावर हो गए जानवर, रोज लग रहीं एआरवी
भीषण गर्मी, पानी और खाने की कमी से जानवर भी हिंसक हो गए हैं।. बात कुत्तों की करें तो वह सबसे ज्यादा हमलावर हैं. हीट वेव चलने से पूरे देश के अस्पतालों में लाखों एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाए जा रहे थे.बीते करीब 20 दिनों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. इनमें कुत्तों के अलावा बिल्लियां और बंदरों के काटे लोग शामिल हैं. कई मामलों में लोग जिन्हें रोज खिलाते-पिलाते थे, वह भी काट रहे हैं. पानी और खाना न मिलने से इनमें गुस्सा भर गया है, इसलिए सामान हाथ में दिखने पर हमला करके छीन लेना और काट लेना आम बात हो गई है. कुछ मामलों में आवारा गायें और सांड़ भी हमलावर हुए हैं. गर्मी के सताए सांड़ आपस में ही लड़ने लगे हैं. बाजारों और सड़कों पर अक्सर ऐसा दिखाई देता है.
घरों के बाहर रखें ठंडा पानी
जानवरों को शांत रखने के लिए घरों के बाहर ठंडा पानी जरूर रखना चाहिए. संभव होने पर खाना भी रख सकते हैं. ऐसा करने से उनमें गुस्से का भाव कम आएगा और हमलावर नहीं होंगे. जबकि पक्षियों के लिए भी छांव वाले स्थान पर दाना-पानी रखना चाहिए. पानी गर्म नहीं होना चाहिए. गर्म पानी पीने से पक्षियों की सेहत बिगड़ सकती है, इसलिए पानी को लगातार बदलते रहें. बहुत गहरे बर्तन में पानी नहीं रखना चाहिए. इससे पक्षियों को पीने में दिक्कत होती है.
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