नई दिल्ली. किसानों के लिए पशुपालन एक बेहतर व्यवसाय है, जिससे वो अपनी आय में इजाफा कर सकते हैं. बहुत से पशुपालक इस वक्त पशुपालन करके अपनी आमदनी को बढ़ा चुके हैं. जबकि सरकार भी चाहती है कि किसानों की आय को बढ़ाया जाए. यही वजह है कि पशुपालन को लेकर बढ़ावा दे रही है. हाल ही में जारी किए गए बजट में भी पशुपालन को लेकर व्यवस्था की गई है. एक्सपर्ट कहते हैं कि पशुपालन में जिस तरह से पशुओं के स्वास्थ्य का ख्याल पशुपालक रखते हैं. उसी तरह से उनकी पहचान के बारे में भी पशुपालकों पता होना चाहिए.
पहचान एक माध्यम है जिससे पशु का रिकॉर्ड आदि के बारे में जानकारी की जा सकती है. जिसमें मालिक का सत्यापन, बायो सिक्योरिटी, रिसर्च और कृषि उद्देश्यों के लिए आदि शामिल है. आपको ये भी बता दें कि किसी पशु को विशेष रुप से पहचान करने के लिए उसके शरीर पर निशान बनाने की प्रक्रिया को पशु पहचान कहते हैं.
इन प्वाइंट्स को जरूरी पढ़ें
किसी विश्वसनीय एवं पर्याप्त डाटाबेस के डेवलपमेंट के लिए किसी चीज को दर्ज करने के लिए पहचान करना बेहद ही अहम है.
भारत सरकार पहले से ही पशुओं के संक्रामक रोगों की रोकथाम व नियंत्रण कानून (PCICDA), 2009 पास कर चुकी है जो पशु पहचान को जरूरी बनाता है.
भारत सरकार ने कानून को इसलिए पास किया ताकि इस मामले में अंतरराष्ट्रीय नीतियों के अनुसार उचित कदम उठाए जा सकें.
पशु पहचान के विभिन्न तरीके जैसे गोदना, छापा, कान का बिल्ला, RFID, Injectable, Bolus इत्यादि हैं.
कान का बिल्ला (ईयर टैग) इन सब में एक सर्वाधिक प्रचलित विधि है और जिसमें एक खास संख्या का इस्तेमाल होता है, जिसके तहत संख्या की नकल की कोई संभावना नहीं होती है.
यदि बिल्ला ठीक लगा है तो इससे कोई समस्या नहीं होती और पशु के कान में यह सालों तक कायम रहता है.
प्रत्येक पशु जो कान के बिल्ले के साथ पंजीकृत हुआ है, इनाफ (INAPH) सूचना प्रणाली उसका संपूर्ण विवरण (नस्ल, आयु, गर्भावस्था, दुग्ध उत्पादन, पशुपालक का संपूर्ण ब्यौरा इत्यादि) अभिलेखित करने में समर्थ है ताकि पशु का एक स्थायी पार-पत्र बनाया जा सके.
पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन विभाग, भारत सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर पशु पहचान की व्यवस्था को संचालित करने के लिए NDDB को नामित किया है.
NDDB देश में स्थित सभी ईयर टैग उपभोक्ता एवं उत्पादन संस्थाओं के लिए इन विशिष्ट पशुपहचान संख्याओं को उत्पन्न कर उन्हें सम्बन्धित संस्थाओं को उपलब्ध कराता है.
विशिष्ट पहचान संख्याओं को प्राप्त करने के लिए, उपभोक्ता एवं उत्पादन संस्थाएं आवश्यक्तानुसार, क्रय आदेश (P.O.) की प्रति एड कर NDDB को आवेदन कर सकती है.
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