Home पोल्ट्री Turkey Business: टर्की के बिजनेस में मुनाफा ही मुनाफा, जानिए कैसे करें इनकी देखभाल
पोल्ट्री

Turkey Business: टर्की के बिजनेस में मुनाफा ही मुनाफा, जानिए कैसे करें इनकी देखभाल

सफेद पंखों वाले टर्की अपने यहां की जलवायु और परिस्थिति के लिए सटीक हैं. क्योंकि यह गर्मी को अच्छी तरह से सहन कर लेते हैं.
प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली. पशुपालन, मुर्गी पालन यानी पोल्ट्री, मछली पालन आजकल यह बिजनेस खेती से ज्यादा कमाई देने वाले बन गए हैं. किसान कई सारे खेती के साथ-साथ इन व्यवसाय को भी कर रहे हैं और अपनी आमदनी को लगातार बढ़ा रहे हैं. अगर आप भी पोल्ट्री करना चाहते हैं या किसी पक्षी पालन या पशुपालन के व्यापार में हाथ आजमाना चाहते हैं, तो आजकल टर्की पालन तेजी से बढ़ रहा है. टर्की देखने में बहुत सुंदर होती है, इनके पंखे रूपी पूंछ और बैटल्ड गर्दन इसकी बहुत सुंदर लगती है. टर्की को आजकल ऐग और मांस के लिए पाला जा रहा है. टर्की के अंडे का जो वजन है वह करीब 65 ग्राम होता है और इसके एक बच्चे का जो वजन है वह 50 ग्राम के करीब होता है.
टर्की की पालने की जानकारी हम आपको इस आर्टिकल के जरिए दे रहे हैं. टर्की के पंखों का रंग काला होता है. फीमेल की चेस्ट पर काले रंग के पंख होते हैं उनके सिरों में सफेद रंग होता है. जिसके कारण 12 सप्ताह की उम्र से उनके जेंडर का पता चल जाता है. सफेद पंखों वाले टर्की अपने यहां की जलवायु और परिस्थिति के लिए सटीक हैं. क्योंकि यह गर्मी को अच्छी तरह से सहन कर लेते हैं.
टर्की पालन में ये है प्रमुख चीजेंः टर्की पालन में जो प्रमुख चीज हैं लिए हम आपको बताते हैं. टर्की में अंडा सेने की जो विधि होती है, वह 28 दिन की होती है और दो तरीके से अंडा सेए जाते हैं. प्राकृतिक रूप से टर्कियां अच्छी ब्रूडर होती है और ब्रेडी माता 10 से 15 अंडों तक सेने का काम करती हैं. अच्छे खोल और आकार वाले साफ अंडों को ब्रीडिंग के लिए रखा जाना चाहिए. ताकि 60 से 80 प्रतिशत अंडे देने का काम किया जा सके, ताकि स्वस्थ्य बच्चे मिल सकें. अंडों को इन्क्यूवेटरों की मदद से अंडा सेने का काम करते हैं. सेटर और हेचर में तापमान सही होना चाहिए. अंडों को बार-बार इकट्ठा किया जाना चाहिए ताकि अंडों को गंदा होने एवं टूटने से बचाया जा सके. ब्रूडिंग टर्की पालन में 4 सप्ताह की अवधि होती है. यह देखा गया है कि मुर्गी की तुलना में टर्की के बच्चे अच्छी ग्रोथ करते हैं. भारत में टर्की का बिजनेस करने वाले इसकी ब्रूडिंग के जरिए अच्छी इनकम कर सकते हैं. मुर्गी के वजन से टर्की का वजन अधिक होता है और इसके अंडे व मीट की बिक्री अच्छी होती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

असम में पाई जाने वाली पाटी बत्तख की नस्ल बेहद प्रचलित है. पाटी बत्तख साल में करीब 70-95 अंडे देती है. यह नस्ल असम में पाई जाती है और इसे पारंपरिक रूप से असमिया लोगों द्वारा पाला जाता है.
पोल्ट्री

Pati Duck Assam: असम की पहचान है पाटी डक, जानिए एक साल में कितने अंडे देती है इसकी नस्ल

असम में पाई जाने वाली पाटी बत्तख की नस्ल बेहद प्रचलित है....

फाउल टाइफाइड के बारे में पोल्ट्री एक्सपर्ट कहते हैं कि ये बीमारी मुर्गी पालन को बहुत नुकसान पहुंचाने वाली बीमारी है.
पोल्ट्री

Poultry Farming : मुर्गियों के लिए जानलेवा है ये बीमारी, ये शुरुआती लक्षण दिखें तो बच सकती है जान

फाउल टाइफाइड के बारे में पोल्ट्री एक्सपर्ट कहते हैं कि ये बीमारी...

नर्मदा निधि आपकी आमदनी को जबरदस्त बढ़ा सकती है. ये साल भर में 160 से 180 अंडे तो देती है. इसका वजन भी बहुत तेजी के साथ बढ़ता है.
पोल्ट्री

Poultry Farming: अंडे देने में ATM है नर्मदा निधि मुर्गी, जानिए साल भर में कितने अंडे देती है

नर्मदा निधि आपकी आमदनी को जबरदस्त बढ़ा सकती है. ये साल भर...