Home पोल्ट्री Poultry Farming: चूजे हैल्दी हैं या कमजोर कैसे करें पता, 22वें दिन इस बात का जरूर रखें ख्याल
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Poultry Farming: चूजे हैल्दी हैं या कमजोर कैसे करें पता, 22वें दिन इस बात का जरूर रखें ख्याल

बीमार मुर्गी का वजन कम हो जाता है और हर समय उदास रहती है.
चूजों की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. मु​र्गी पालन में इस बात का ध्यान जरूर देना चाहिए कि चूजों की ग्रोथ हो रही है या नहीं. ग्रोथ न होने की क्या वजह है. कहीं ऐसा तो नहीं है कि ग्रोथ बीमारी की वजह से रुकी है. एक्सपर्ट का कहना है कि अगर चूजों की ग्रोथ रुक जाएगी तो उससे आगे चलकर प्रोडक्शन पर भी असर पड़ेगा. अगर चूजों को बीमारी लग जाती है तो इससे उनकी मौत भी हो जाती है. जिसके चलते पोल्ट्री फार्म संचालकों को नुकसान उठाना पड़ता है. चूजों पर पहले दिन से लेकर शुरुआती एक महीने तक खास ध्यान देना चाहिए. ताकि कहीं कुछ दिक्कत हो तो उसका हल निकाला जा सके.

पोल्ट्री एक्सपर्ट डॉ. इब्ने अली कहते हैं कि चूजे जब 16 दिन के हो जाएं और फिर उनकी उम्र 22 दिन हो जाए तो कुछ खास चीजें हैं जो हर पोल्ट्री फार्मर को करनी चाहिए. इस आर्टिकल में इसी को बात को बताया जा रहा है. जिससे पोल्ट्री के प्रोडक्शन पर कोई बुरा असर न पड़े.

16 से 19 दिन तक क्या करें
16वें दिन झुंड में चूजे एक दूसरे को पहचाने के लिए आवाज निकालते हैं. इससे कुछ दिक्कतें भी होती हैं. इससे निपटने के लिए 16-19 दिनों तक 75 ग्राम प्रति 1000 पक्षियों की दर से रेस्पोज देना चाहिए. रेस्पोज सांस की नली से श्लेष्मा को साफ करती है और सिलिया पर अच्छा असर डालती है. ये आवाज को भी प्रभावी ढंग से नियंत्रित करता है. डॉ. इब्ने अली कहते हैं कि अगर चूजों में आईबीएच, आईबी, आरडी, एलपीएआई आदि जैसे वायरल दिखे तो इसके रोकथाम के लिए विरोकॉन 17-18-19वें दिन 75 ग्राम प्रति 1000 पक्षियों को देना चाहिए.

दिन बीस से 22वें दिन तक क्या करें
कभी-कभी इन दिनों सीकल की बूंदें देखी जाती हैं. जिनका रंग चॉकलेट जैसा होता है. प्रति 1000 पक्षियों को सेप्टिमा 130 ग्राम पानी में देना चाहिए. वहीं इस दौरान वजन पर नजर रखना बेहद जरूरी होता है. जबकि 21वें दिन तक पक्षी का औसत वजन लगभग 900 से 950 ग्राम होना चाहिए. जबकि रोजमर्रा आहार का सेवन लगभग 100 ग्राम होना चाहिए. रात में अंधेरा छा जाता है. 21वें दिन लसोटा को पीने के पानी के माध्यम से आई ड्रॉप विधि से देना चाहिए. इस वैक्सीन को नजरअंदाज न करें.

चूने का छिड़काव करें
वहीं पर्दों को खोलकर वेंटिलेशन डे देना चाहिए. पोल्ट्री के बिस्तर की गुणवत्ता की जांच करें, यह आपको फिटकरी के स्प्रे से भी अधिक धूल वाला लगेगा. यदि गीला पाया जाए तो चूना पाउडर फैला दें. एलएसपी का प्रसार न करें, यह किसी काम का नहीं है यदि झुंड अब तक अच्छा चल रहा है तो सब ठीक है.

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